New UPI Rule : 8 अक्टूबर 2025 से भारत में डिजिटल भुगतान और आसान और सुरक्षित बनने जा रहा है। राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने घोषणा की है कि अब यूजर्स UPI लेन-देन को केवल PIN के जरिए नहीं, बल्कि फेस रिकग्निशन और फिंगरप्रिंट के जरिए भी स्वीकृति दे सकेंगे। इस नई सुविधा को डिजिटल सुरक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम माना जा रहा है।
अब सिर्फ PIN नहीं, बायोमेट्रिक से भी होगा पेमेंट
नई सुविधा के तहत, अब PIN डालना जरूरी नहीं होगा। यूजर्स अपने बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करके आसानी से भुगतान कर सकेंगे। यह डेटा आधार प्रणाली से जुड़ा होगा और सुरक्षित एन्क्रिप्शन तकनीक के जरिए उपयोग में लाया जाएगा। इसका मतलब है कि ग्राहक अपने चेहरे की पहचान या फिंगरप्रिंट स्कैन के जरिए तुरंत भुगतान पूरा कर पाएंगे, जिससे प्रक्रिया और भी तेज़ और सहज हो जाएगी।
RBI ने दी नई ऑथेंटिकेशन पद्धति की अनुमति
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में वैकल्पिक ऑथेंटिकेशन पद्धतियों की अनुमति दी थी। इसी दिशा में NPCI ने यह नई तकनीक विकसित की है, ताकि डिजिटल लेन-देन को और तेज़, सुरक्षित और धोखाधड़ी मुक्त बनाया जा सके। RBI का मानना है कि बायोमेट्रिक आधारित सत्यापन से बैंकिंग प्रणाली में साइबर फ्रॉड और PIN चोरी जैसी घटनाओं में भारी कमी आएगी।
विशेषज्ञों का कहना: बुजुर्गों और ग्रामीण इलाकों के लिए वरदान
डिजिटल भुगतान विशेषज्ञों का कहना है कि यह सुविधा बुजुर्गों, ग्रामीण क्षेत्रों और कम साक्षर यूजर्स के लिए बेहद फायदेमंद होगी, जिन्हें PIN याद रखने में अक्सर कठिनाई होती है।
विशेषज्ञों ने बताया कि अब ऐसे लोग भी आसानी से UPI भुगतान कर पाएंगे, जिन्हें डिजिटल सिस्टम से डर लगता था। यह कदम भारत के वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा।
डेटा सुरक्षा पर NPCI का भरोसा
NPCI ने इस नई सुविधा को लेकर डेटा सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया है। संस्था ने साफ किया है कि बायोमेट्रिक डेटा केवल यूजर के फोन में एन्क्रिप्टेड रूप में रहेगा। न तो बैंक और न ही NPCI इस डेटा को स्टोर या एक्सेस करेंगे।
यूजर्स को पूरी स्वतंत्रता होगी कि वे इस फीचर को कभी भी ऑन या ऑफ कर सकें। इससे यूजर कंट्रोल और प्राइवेसी दोनों सुनिश्चित होंगे।
कैसे करेगा यह सिस्टम काम?
जब यूजर UPI के जरिए भुगतान करेगा, तो उसे स्क्रीन पर PIN डालने के बजाय “फेस या फिंगरप्रिंट वेरिफाई करें” का विकल्प मिलेगा।
जैसे ही पहचान सत्यापित होगी, भुगतान तुरंत स्वीकृत हो जाएगा। यह प्रक्रिया आधार-आधारित बायोमेट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करेगी, जो पहले से सरकारी सेवाओं और बैंकिंग में इस्तेमाल हो रही है।
धोखाधड़ी पर कसा जाएगा शिकंजा
बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन से ऑनलाइन भुगतान में होने वाली धोखाधड़ी और फिशिंग हमलों में कमी आने की उम्मीद है।
PIN साझा करने या चोरी होने की आशंका लगभग समाप्त हो जाएगी, क्योंकि भुगतान केवल उसी व्यक्ति के बायोमेट्रिक से होगा, जिसका फोन और पहचान दोनों मेल खाते हैं।
इससे UPI प्लेटफॉर्म और भी भरोसेमंद बनेगा और भारत में डिजिटल ट्रांजैक्शन इकोसिस्टम को नई मजबूती मिलेगी।
डिजिटल इंडिया मिशन को मिलेगा नया आयाम
यह कदम भारत के डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
NPCI के मुताबिक, भारत में वर्तमान में हर महीने 12 अरब से अधिक UPI ट्रांजैक्शन हो रहे हैं।
बायोमेट्रिक सुविधा के जुड़ने से न सिर्फ सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि कैशलेस अर्थव्यवस्था की दिशा में भारत एक और मजबूत कदम बढ़ाएगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मिलेगा प्रदर्शन
NPCI इस नई तकनीक को Mumbai Global Fintech Festival में प्रदर्शित करेगा।
यह कदम भारत को वैश्विक फिनटेक इनोवेशन हब के रूप में प्रस्तुत करने की दिशा में अहम साबित होगा।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस तकनीक के जरिए दुनिया को एक नया भुगतान सुरक्षा मॉडल दिखाने जा रहा है।

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