बकरीपालन का बिज़नेस करने के लिए बेस्ट है यह नेसल, कमाई जानकर रह जायेंगे दंग Goat Farming

Goat Farming : पशुपालन आज के समय में किसानों के लिए आय का एक मजबूत और भरोसेमंद विकल्प बनता जा रहा है। इसमें खासतौर पर बकरी पालन ने छोटे और मध्यम वर्गीय किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने का अवसर दिया है। अब तो पढ़े-लिखे युवा भी इस व्यवसाय को रोजगार के रूप में अपना रहे हैं। हालांकि, सही जानकारी और नस्ल का चुनाव न होने पर नुकसान की आशंका भी बनी रहती है। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह को ध्यान में रखना बेहद जरूरी हो जाता है।

विशेषज्ञ की राय: सिरोही नस्ल क्यों है सबसे फायदेमंद?

राजकीय पशु चिकित्सालय शिवगढ़, रायबरेली के प्रभारी पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. इंद्रजीत वर्मा के अनुसार, यदि किसान सही नस्ल का चुनाव करें, तो बकरी पालन से लाखों की कमाई संभव है। उन्होंने बताया कि सिरोही नस्ल की बकरियां बहुत ही लाभकारी साबित होती हैं, जिन्हें ATM जैसी कमाई देने वाली बकरी कहा जा सकता है।

सिरोही नस्ल की खास पहचान

डॉ. वर्मा बताते हैं कि सिरोही नस्ल मूल रूप से राजस्थान की है, लेकिन अब इसे उत्तर प्रदेश सहित अन्य राज्यों में भी सफलतापूर्वक पाला जा रहा है। इस नस्ल की पहचान में कुछ खास बातें शामिल हैं:

  • रंग सामान्यतः भूरा होता है
  • सींग थोड़े मुड़े हुए होते हैं
  • कान चपटे और लटके होते हैं
  • शरीर पर हल्के-गहरे भूरे धब्बे
  • बाल छोटे और मोटे होते हैं

इन शारीरिक विशेषताओं के साथ ही सिरोही नस्ल दूध और मांस दोनों के लिहाज से भी बहुत बेहतर मानी जाती है।

दूध और मांस उत्पादन में अव्वल

सिरोही नस्ल की बकरियां प्रतिदिन 2 से 3 लीटर तक दूध दे सकती हैं, जो उन्हें दुग्ध उत्पादन के लिए एक बेहतरीन नस्ल बनाता है। इसके साथ ही, इन बकरों का मांस भी उच्च गुणवत्ता वाला होता है, जो बाजार में अच्छे दाम पर बिकता है। यही कारण है कि यह नस्ल आय का दोहरा स्रोत बन जाती है।

तेज़ प्रजनन क्षमता है बोनस

सिरोही नस्ल की एक और बड़ी खासियत इसकी प्रजनन क्षमता है। यह बकरियां 6 से 8 महीने में ही प्रजनन के लिए तैयार हो जाती हैं और एक बार में एक या दो बच्चे देती हैं। इस प्रक्रिया से बकरी पालन करने वालों की आमदनी और पशु संख्या दोनों में तेज़ी से वृद्धि होती है।

सिरोही नस्ल की बढ़ती बाजार मांग

बाजार में सिरोही बकरी और बकरों की जबरदस्त मांग बनी हुई है। चाहे बात दूध की हो या मांस की, दोनों में इनकी गुणवत्ता और मात्रा बेहतर मानी जाती है। यही वजह है कि किसान इस नस्ल का पालन कर तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं।

युवाओं के लिए रोजगार का बेहतर विकल्प

कम लागत, तेज़ उत्पादन और बाजार में अच्छी मांग—इन सभी कारणों से बकरी पालन आज के युवाओं के लिए भी एक शानदार व्यवसायिक विकल्प बनकर उभरा है। खासकर बढ़ती बेरोजगारी के दौर में यह एक स्थिर और लाभकारी आय का माध्यम साबित हो सकता है।

सरकार से मिल रहा है सहयोग

बकरी पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भी कई योजनाएं चला रही है। इनमें प्रशिक्षण कार्यक्रम, सब्सिडी और लोन की सुविधा शामिल है। इन योजनाओं का लाभ उठाकर किसान कम निवेश में ज्यादा लाभ कमा सकते हैं। राज्य और केंद्र सरकार दोनों इस दिशा में सहयोग कर रही हैं।

बकरी पालन शुरू करने के लिए क्या करें?

यदि आप भी बकरी पालन शुरू करना चाहते हैं, तो सबसे पहले स्थानीय पशु चिकित्सा अधिकारी, कृषि विज्ञान केंद्र या पशुपालन विभाग से संपर्क करें। यहां से आप नस्ल चयन, चारा व्यवस्था, टीकाकरण, बीमारियों से बचाव और मार्केटिंग जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां मुफ्त में प्राप्त कर सकते हैं।

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