कल 4 अगस्त सोमवार को स्कूल रहेंगे बंद, इन जिलों में नहीं लगेंगे स्कूल छुट्टी का हुआ ऐलान School Holiday

School Holiday : सावन माह की धार्मिक आस्था और कांवड़ यात्रा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए संभल और मुरादाबाद जिलों में 2 और 4 अगस्त को सभी स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है. यह आदेश शुक्रवार रात जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया द्वारा जारी किया गया. अवकाश सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और ट्रैफिक नियंत्रण के दृष्टिकोण से लिया गया निर्णय है, ताकि शिवभक्तों की भीड़ और यातायात दबाव के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो.

प्रशासनिक आदेश के तहत दो दिन की स्कूल बंदी

संभल और मुरादाबाद जिलों में 2 और 4 अगस्त को सभी प्रकार के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है। यह आदेश जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया ने शुक्रवार रात को जारी किया। फैसला सावन में कांवड़ यात्रा के चलते ट्रैफिक दबाव, कानून-व्यवस्था और शिवभक्तों की भीड़ को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

कांवड़ यात्रा से बढ़ता ट्रैफिक और भीड़ का संकट

सावन के दौरान लाखों श्रद्धालु कांवड़ लेकर पैदल, बाइक या अन्य वाहनों से यात्रा करते हैं। ये श्रद्धालु गंगा जल लेकर शिव मंदिरों में जलाभिषेक के लिए जाते हैं, जिससे राजमार्गों और सड़कों पर भारी भीड़ हो जाती है। खासकर सावन सोमवार को मंदिरों में विशेष भीड़ रहती है, जिससे सुरक्षा और यातायात नियंत्रण बड़ी चुनौती बन जाता है।

बच्चों की सुरक्षा के लिए मानवीय फैसला

प्रशासन का कहना है कि इस प्रकार के भीड़भाड़ वाले माहौल में बच्चों का स्कूल आना-जाना जोखिम भरा हो सकता है। किसी भी अप्रिय घटना से बचाव के लिए स्कूलों में अवकाश की घोषणा की गई है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक फैसला नहीं बल्कि संवेदनशीलता के साथ लिया गया निर्णय है।

सभी स्कूलों पर आदेश लागू

यह आदेश सभी प्रकार के स्कूलों पर लागू होगा, जिसमें शामिल हैं:

  • राजकीय स्कूल
  • परिषदीय विद्यालय
  • सहायता प्राप्त और वित्तविहीन स्कूल
  • निजी एवं मान्यता प्राप्त हिंदी व अंग्रेज़ी माध्यम के स्कूल

नर्सरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के सभी शिक्षण संस्थानों को यह निर्देश दिया गया है कि वे आदेश का सख्ती से पालन करें।

धार्मिक आस्था का सम्मान और प्रशासनिक तैयारी

सावन का महीना धार्मिक आस्था और परंपराओं से जुड़ा होता है, और कांवड़ यात्रा इसमें प्रमुख भूमिका निभाती है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए और स्थानीय व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया है, ताकि कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।

शिक्षा व्यवस्था पर न्यूनतम प्रभाव

हालांकि दो दिन की छुट्टी से शैक्षणिक कार्यक्रमों में हल्का विलंब जरूर होगा, परंतु स्कूल प्रबंधन और शिक्षक पहले से ही इस संभावित छुट्टी को ध्यान में रखते हुए पाठ्यक्रम की रणनीति तैयार करते हैं। कई स्कूलों में ऑनलाइन कक्षाओं या वर्कशीट के माध्यम से पढ़ाई जारी रखने की योजना भी बनाई जा सकती है।

कांवड़ यात्रा का धार्मिक और सामाजिक महत्व

कांवड़ यात्रा उत्तर भारत की एक प्रमुख धार्मिक यात्रा है जिसमें शिवभक्त हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य पवित्र स्थलों से गंगाजल लाकर अपने स्थानों पर स्थित शिव मंदिरों में जल चढ़ाते हैं। यह यात्रा सावन माह में होती है और इसमें लाखों लोग भाग लेते हैं। ऐसे में प्रशासनिक व्यवस्थाएं जैसे सुरक्षा, चिकित्सा, यातायात नियंत्रण आदि एक बड़ी जिम्मेदारी बन जाती हैं।

अन्य जिलों में भी हो सकते हैं छुट्टी के आदेश

संभल और मुरादाबाद के बाद अन्य ऐसे जिले जहां कांवड़ यात्रा का गहरा प्रभाव रहता है, वहां भी इस प्रकार के निर्णय लिए जा सकते हैं। छुट्टी का निर्णय स्थानीय परिस्थितियों, भीड़ प्रबंधन, और कांवड़ मार्गों को ध्यान में रखकर किया जाएगा। कई जिलों में पहले से ही सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं।

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