Petrol Diesel Rate : राजस्थान में पेट्रोल की औसत कीमत 105.65 रुपये प्रति लीटर और डीजल की औसत कीमत 91.05 रुपये प्रति लीटर बनी हुई है. बीते 24 घंटों में कोई बदलाव दर्ज नहीं किया गया है. पिछले कई दिनों से राज्य में ईंधन दरों में स्थिरता बनी हुई है, जिससे उपभोक्ताओं को कोई विशेष राहत नहीं मिल रही.
राजस्थान में पेट्रोल-डीजल के रेट स्थिर, उपभोक्ता मायूस
राजस्थान में पेट्रोल 105.65 रुपये और डीजल 91.05 रुपये प्रति लीटर की औसत दर पर बना हुआ है। बीते 24 घंटों में कोई बदलाव दर्ज नहीं किया गया। लगातार कई दिनों से ईंधन कीमतों में स्थिरता बनी हुई है, जिससे सस्ती दरों की उम्मीद लगाए बैठे उपभोक्ताओं को निराशा ही हाथ लगी है।
दिल्ली में भी कोई राहत नहीं, रेट वहीं के वहीं
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में पेट्रोल 94.72 रुपये और डीजल 87.62 रुपये प्रति लीटर पर जैसे के तैसे बने हुए हैं। यहां भी लंबे समय से दरों में कोई कटौती नहीं हुई है। कई लोगों को उम्मीद थी कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट का असर देश में भी दिखाई देगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मुंबई, कोलकाता, चेन्नई में आज के पेट्रोल-डीजल रेट
देश के प्रमुख महानगरों में भी पिछले कई सप्ताह से ईंधन कीमतों में कोई खास बदलाव नहीं हुआ है:
- मुंबई: पेट्रोल 104.21 रुपये, डीजल 92.15 रुपये प्रति लीटर
- कोलकाता: पेट्रोल 103.94 रुपये, डीजल 90.76 रुपये प्रति लीटर
- चेन्नई: पेट्रोल 100.75 रुपये, डीजल 92.34 रुपये प्रति लीटर
इन शहरों में भी उपभोक्ता सस्ती कीमतों की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन राहत का कोई स्पष्ट संकेत नहीं मिल रहा।
मार्च 2024 के बाद नहीं हुआ कोई बड़ा मूल्य परिवर्तन
तेल कंपनियों ने अंतिम बार मार्च 2024 में पेट्रोल-डीजल के दामों में 2-2 रुपये प्रति लीटर की कटौती की थी। इसके बाद से अब तक किसी भी प्रकार का बड़ा बदलाव नहीं किया गया है। जबकि कई बार अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल की कीमतें घटी हैं, लेकिन घरेलू स्तर पर इसका लाभ आम जनता को नहीं मिला।
हर सुबह तय होती हैं नई कीमतें
सरकारी तेल कंपनियां हर सुबह 6 बजे पेट्रोल-डीजल की कीमतें अपडेट करती हैं। ये दरें राज्यों और शहरों के अनुसार अलग-अलग होती हैं, क्योंकि इसमें राज्य सरकार का टैक्स, ट्रांसपोर्ट खर्च और अन्य शुल्क शामिल होते हैं।
बाजार मूल्य वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों और डॉलर के मुकाबले रुपये की स्थिति पर भी निर्भर करते हैं। इसलिए हालांकि सरकारी नियंत्रण है, लेकिन पूरी तरह नियंत्रण में कीमतें नहीं होती।
आम उपभोक्ता कब तक करेगा इंतजार?
मार्च 2024 के बाद से लगातार मांग की जा रही है कि पेट्रोल-डीजल के दाम घटाए जाएं, लेकिन सरकार और तेल कंपनियां चुप हैं। मौजूदा आर्थिक हालात, बढ़ती महंगाई और वैश्विक बाजार में गिरते क्रूड ऑयल रेट के बीच अब जनता यह पूछ रही है – आखिर कब सस्ता होगा पेट्रोल और डीजल?
फिलहाल किसी बड़ी राहत की उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सरकार की ओर से अभी तक कोई ताजा संकेत नहीं मिला है, जिससे लोगों को भरोसा हो कि भविष्य में कुछ राहत मिल सकती है।