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22 जुलाई को पेट्रोल डीजल में आया बदलाब, ड्राइव पर निकलने से पहले जान ले आज के ताजा रेट Petrol Diesel Rate

Petrol Diesel Rate : 22 जुलाई 2025 को सरकारी तेल कंपनियों ने ताजा ईंधन दरें जारी कर दी हैं, लेकिन आम लोगों को राहत अब भी नहीं मिली है। कीमतों में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है और राजस्थान सहित कई राज्यों में पेट्रोल ₹105 प्रति लीटर से ऊपर और डीजल ₹90 प्रति लीटर के आसपास बना हुआ है। लगातार महंगे ईंधन से लोगों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है।

राजस्थान में फिर महंगा हुआ पेट्रोल, डीजल भी 91 पर टिका

राजस्थान के प्रमुख शहरों में पेट्रोल की औसत कीमत ₹105.65 प्रति लीटर है, जबकि डीजल की कीमत ₹91.05 प्रति लीटर पर स्थिर बनी हुई है। पिछले 24 घंटे में डीजल के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ है। लंबे समय से राजस्थान के उपभोक्ताओं को हर लीटर पेट्रोल पर ₹100 से ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है।

हालांकि, स्थानीय टैक्स और डीलर मार्जिन की वजह से शहर-दर-शहर कीमतों में मामूली फर्क जरूर देखा जा सकता है, लेकिन कुल मिलाकर राज्यभर में दरें ऊंचे स्तर पर बनी हुई हैं।

देश के बड़े शहरों में भी रेट स्थिर, राहत की उम्मीद नहीं

भारत के चारों प्रमुख महानगरों और जयपुर में 22 जुलाई को पेट्रोल-डीजल के रेट में कोई बड़ा फेरबदल नहीं हुआ। इससे साफ है कि ईंधन दरों में स्थिरता का दौर फिलहाल जारी है।

इन आंकड़ों से साफ है कि महानगरों में कीमतें स्थिर हैं, लेकिन उपभोक्ताओं को महंगाई से राहत अब भी नहीं मिली है।

मार्च 2024 के बाद नहीं हुआ कोई बड़ा बदलाव

मार्च 2024 में सरकार द्वारा पेट्रोल-डीजल के दामों में ₹2 प्रति लीटर की कटौती की गई थी। उसके बाद से अब तक दरें ज्यों की त्यों बनी हुई हैं।

हालांकि, तेल कंपनियां हर सुबह रेट अपडेट करती हैं, लेकिन पिछले कई महीनों से कोई अहम परिवर्तन नहीं हुआ है। यह स्थिरता दिखाती है कि या तो सरकार बाजार का आंकलन कर रही है, या फिर अंतरराष्ट्रीय स्थितियों का इंतजार किया जा रहा है।

आम जनता की जेब पर भारी पड़ रही महंगी ईंधन दरें

लगातार ऊंची पेट्रोल-डीजल कीमतों से ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं। हर वर्ग का व्यक्ति—चाहे किसान हो, मजदूर हो या मध्यमवर्गीय नागरिक—महंगे ईंधन की मार झेल रहा है।

खासकर ट्रांसपोर्ट, कृषि और घरेलू खर्चों पर इसका सीधा असर पड़ा है। जहां एक तरफ आमदनी स्थिर है, वहीं दूसरी ओर ईंधन के खर्च में कोई राहत नहीं मिलने से जीवनयापन महंगा होता जा रहा है।

सरकार से राहत की उम्मीद, लेकिन संकेत नहीं

लोगों को उम्मीद है कि सरकार जल्द दरों में कटौती करेगी, लेकिन अभी तक ऐसा कोई आधिकारिक बयान या संकेत सामने नहीं आया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें नहीं गिरतीं, तब तक घरेलू बाजार में भी राहत मिलना मुश्किल है।

तेल कंपनियों की मूल्य निर्धारण नीति भी अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर आधारित होती है, ऐसे में फिलहाल दरें स्थिर रहने की संभावना अधिक है।

पेट्रोल-डीजल रेट्स: 22 जुलाई को किन शहरों में क्या रहे भाव

लंबे समय से आम जनता को राहत का इंतजार

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