iPhone 17 Pro Max : ने इस बार अमेरिका में 1199 डॉलर की शुरुआती कीमत के साथ एंट्री ली है। यह पहली बार है जब अमेरिका में किसी आईफोन की कीमत 1000 डॉलर से अधिक हो गई। भारतीय रुपये में देखें तो यह कीमत करीब 1 लाख 6 हजार रुपये बैठती है। वहीं, भारत में इसका बेस मॉडल ही लगभग डेढ़ लाख रुपये का मिल रहा है।
भारतीय ग्राहकों पर अतिरिक्त बोझ
भारत में आईफोन पहले से ही महंगा सौदा रहा है। टैक्स, इंपोर्ट ड्यूटी और अन्य खर्चों की वजह से यहां इसका दाम अमेरिका से भी ज्यादा है। यही वजह है कि भारतीय ग्राहकों को आईफोन खरीदने के लिए हमेशा अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता है।
iPhone की असल लागत क्या है?
कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि एक आईफोन बनाने में आखिर कितना खर्च आता है। अगर iPhone 17 Pro Max की बात करें तो इसके महत्वपूर्ण कॉम्पोनेंट्स की लागत कुछ इस तरह है:
- अलुमिनियम बॉडी – 20.79 डॉलर
- लिथियम आयन बैटरी – 4.10 डॉलर
- 256 GB स्टोरेज – 20.59 डॉलर
- मेमोरी चिप – 21.80 डॉलर
- कैमरा असेंबली – 80 डॉलर
- चिपसेट (प्रोसेसर) – 90.85 डॉलर
- 5G मोडेम – 90 डॉलर
- प्रो मोशन डिस्प्ले – 80 डॉलर
इन सबका जोड़ 408.13 डॉलर होता है। अगर इसमें बाकी छोटे पार्ट्स और असेंबली का खर्च जोड़ें तो कुल लागत लगभग 500 डॉलर (करीब 44,395 रुपये) बैठती है।
मुनाफे का बड़ा अंतर
जब इसकी तुलना मार्केट प्राइस से की जाए तो साफ दिखता है कि Apple एक डिवाइस पर लगभग 699 डॉलर यानी 62 हजार रुपये तक का मुनाफा कमाता है। हालांकि यह सिर्फ सीधा उत्पादन खर्च और कीमत का अंतर है, वास्तविक तस्वीर इससे कहीं ज्यादा जटिल है।
छिपे हुए खर्च और इन्वेस्टमेंट
आईफोन की असली लागत सिर्फ पार्ट्स तक सीमित नहीं होती। प्रोडक्शन, पैकिंग, सप्लाई चैन, डीलर-डिस्ट्रीब्यूशन, रिटेल स्टोर्स का किराया, कर्मचारियों की सैलरी और मार्केटिंग – ये सभी खर्च भी कंपनी को उठाने पड़ते हैं। उदाहरण के तौर पर, मुंबई BKC का Apple Store हर महीने लगभग 42 लाख रुपये किराया देता है, जो सालाना 5 करोड़ रुपये तक पहुंचता है।
डिजाइन और रिसर्च की बड़ी लागत
Apple का सबसे बड़ा निवेश डिजाइन, इंजीनियरिंग और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट में होता है। कंपनी अपने ईकोसिस्टम और यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाने में अरबों डॉलर खर्च करती है। यही कारण है कि 408 डॉलर की पार्ट्स लागत असल कीमत तय करने का पैमाना नहीं हो सकती।
Apple की कमाई का सच
इसके बावजूद यह भी सच है कि Apple अपने हर आईफोन से बड़ा मुनाफा कमाता है। साल 2024 में कंपनी का कुल रेवेन्यू 301 बिलियन डॉलर था, जिसमें से सिर्फ iPhone की हिस्सेदारी 201 बिलियन डॉलर रही। कुल मुनाफा 180 बिलियन डॉलर था और अनुमान के अनुसार iPhone से लगभग 120 बिलियन डॉलर का मुनाफा आया।
बिक्री के आंकड़े चौंकाने वाले
Apple ने सिर्फ 2024 में करीब 23 करोड़ iPhone यूनिट्स बेचे। इसका मतलब है कि iPhone कंपनी के लिए न सिर्फ एक प्रोडक्ट, बल्कि पूरी कमाई की रीढ़ बन चुका है। यही वजह है कि Apple दुनिया की सबसे मूल्यवान टेक कंपनी बनी हुई है।
iPhone का इकोनॉमिक्स
अगर संक्षेप में कहा जाए तो एक iPhone 17 Pro Max बनाने की लागत लगभग 500 डॉलर है, जबकि यह मार्केट में 1199 डॉलर में बिकता है। यानी कंपनी एक डिवाइस से सैकड़ों डॉलर का मुनाफा कमाती है। लेकिन इसके पीछे छिपे खर्च और भारी-भरकम इन्वेस्टमेंट को भी समझना जरूरी है। फिर भी, Apple की स्ट्रैटेजी और ब्रांड वैल्यू उसे हर साल अरबों डॉलर का फायदा दिला रही है।

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