Haryana Weather Update : हरियाणा में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। मौसम विभाग ने राज्य के चार जिलों – यमुनानगर, अंबाला, करनाल और पंचकूला में बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। हालांकि, बीते दिन राज्य में बारिश नहीं हुई, लेकिन दिनभर बादल छाए रहे जिससे उमस भरा वातावरण बना रहा।
21 जुलाई से झमाझम बारिश के संकेत
मौसम विभाग का अनुमान है कि 21 जुलाई को हरियाणा के कई हिस्सों में अच्छी बारिश हो सकती है। खासकर सोनीपत, पानीपत, करनाल, कैथल और कुरुक्षेत्र में मध्यम से तेज बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही अन्य जिलों में भी हल्की बूंदाबांदी के आसार बने हुए हैं।
22 जुलाई को और भी तेज होगा मानसून का असर
22 जुलाई को मौसम और अधिक सक्रिय हो सकता है। विभाग ने बताया कि फतेहाबाद, हिसार, भिवानी, पंचकूला, अंबाला, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, करनाल और पानीपत के अधिकांश हिस्सों में तेज बारिश के संकेत हैं। इन जिलों में तेज हवाओं के साथ गरज-चमक भी हो सकती है, जिससे मौसम और भी सुहाना हो जाएगा।
राज्य में सामान्य से अधिक हुई है बारिश
इस बार हरियाणा में औसत से 33 प्रतिशत अधिक बारिश दर्ज की गई है। सबसे ज्यादा 412.8 मिमी बारिश यमुनानगर में हुई है, जो राज्य में सबसे आगे है। वहीं, कैथल में अब तक सबसे कम 90.4 मिमी बारिश हुई है। यह आंकड़े इस बात को दर्शाते हैं कि राज्य में मानसून सामान्य से अधिक सक्रिय रहा है।
आज बादल छाए रहेंगे, तापमान में वृद्धि की संभावना
हालांकि आज बारिश की उम्मीद कम है, लेकिन मौसम विभाग ने कई जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई है। इसके साथ ही, पूरे हरियाणा में बादल छाए रहने का पूर्वानुमान है। विभाग का यह भी कहना है कि तापमान में थोड़ी वृद्धि हो सकती है, जिससे दोपहर में गर्मी का अहसास बना रह सकता है।
सावधानी जरूरी, अलर्ट पर रखें नजर
मौसम विभाग की चेतावनी को देखते हुए नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। खासकर जिन जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, वहां के लोगों को यात्रा या खुले में बाहर निकलते समय सतर्क रहना चाहिए। बारिश के कारण कुछ क्षेत्रों में जलभराव या ट्रैफिक जाम जैसी स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं।
खेती और पर्यावरण के लिए राहत की खबर
बारिश का यह दौर कृषि के लिहाज से बेहद लाभकारी साबित हो सकता है। मानसून की सक्रियता से खरीफ फसलों को पोषण मिलने की संभावना है। साथ ही पर्यावरण के लिए भी यह बारिश गर्मी और प्रदूषण से राहत दिलाने में मददगार होगी।