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हरियाणा में एकबार फिर से छाया मानसून, 22 से 25 जुलाई तक बारिश का अलर्ट Haryana Weather

Haryana Weather : हरियाणा में मानसून एक बार फिर सक्रिय हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने राज्य के 20 जिलों में बारिश को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है। यह चेतावनी 25 जुलाई तक लागू रहेगी, जिसके तहत कई क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं तेज बारिश और तेज हवाओं की संभावना भी जताई गई है।

इन जिलों में जारी हुआ IMD का यलो अलर्ट

IMD के अनुसार, जिन जिलों में यलो अलर्ट जारी किया गया है, उनमें पंचकूला, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र और करनाल प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन इलाकों में तेज वर्षा और हवा चलने की आशंका है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर उन इलाकों में जहां जलभराव और ट्रैफिक जाम जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं।

हल्की से मध्यम बारिश की संभावना वाले जिले

हरियाणा के अन्य कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। इनमें शामिल हैं:

इन इलाकों में भी मानसून की गतिविधियां सक्रिय हो रही हैं, जिससे आने वाले दिनों में मौसम में ठंडक और नमी का अनुभव किया जा सकता है।

अब तक सामान्य से 24% अधिक बारिश दर्ज

IMD की रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में इस साल अब तक 24 प्रतिशत अधिक बारिश हो चुकी है। 21 जुलाई तक जहां औसतन 154.4 मिमी बारिश दर्ज होनी चाहिए थी, वहीं अब तक राज्य में 191.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई है। यह दर्शाता है कि मानसून ने राज्य में उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन किया है।

किस जिले में सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश?

यह अंतर दर्शाता है कि मानसून की सक्रियता सभी जिलों में एकसमान नहीं रही है।

महेंद्रगढ़ बना सबसे गर्म जिला

जहां एक ओर बारिश से कई जिलों में राहत महसूस की गई, वहीं सोमवार को महेंद्रगढ़ राज्य का सबसे गर्म जिला रहा। यहां अधिकतम तापमान 35.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मानसून की सक्रियता के बावजूद गर्मी का एहसास कराता है।

कृषि विशेषज्ञों का पूर्वानुमान: 25 जुलाई तक जारी रहेगा बदलाव

हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ के अनुसार, 25 जुलाई तक प्रदेश में मौसम में बदलाव देखने को मिलेगा। इस दौरान हल्की से मध्यम बारिश की संभावना बनी हुई है। कुछ जिलों में तेज बारिश और झोंकेदार हवाएं भी चल सकती हैं।

डॉ. खीचड़ ने किसानों को सलाह दी है कि वे खेतों में पानी की निकासी की उचित व्यवस्था करें और फसलों की सुरक्षा के लिए बारिश की मात्रा और समय पर नज़र बनाए रखें।

बारिश से राहत भी, चुनौती भी

बारिश से जहां तापमान में गिरावट और कृषि कार्यों में सुविधा मिल रही है, वहीं तेज वर्षा और हवा के साथ जलभराव, ट्रैफिक जाम और फसलों को नुकसान की भी आशंका बनी हुई है। खासकर शहरी इलाकों में नालों की सफाई और जल निकासी की स्थिति अगर बेहतर नहीं रही तो जनजीवन प्रभावित हो सकता है।

क्या करें आम नागरिक?

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