Delhi Dehradun Expressway : दिल्ली से देहरादून जाने वाले यात्रियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का पहला फेज अब अगस्त महीने से यातायात के लिए खोलने की तैयारी में है. इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से न सिर्फ सफर का समय घटेगा. बल्कि यातायात जाम से भी राहत मिलेगी.
अगस्त से खुलेगा एक्सप्रेसवे का पहला फेज
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के पहले चरण को अगस्त 2025 से आम जनता के लिए खोलने की तैयारी की जा रही है. यह चरण दिल्ली के अक्षरधाम से यूपी के बागपत जिले के खेकड़ा तक फैला हुआ है, जिसकी लंबाई लगभग 32 किलोमीटर है. इसमें दिल्ली में एलिवेटेड स्ट्रक्चर तैयार किया गया है जबकि बागपत क्षेत्र में यह सड़क ग्राउंड लेवल पर बनाई गई है.
दिल्ली से बागपत के बीच जाम से मिलेगी राहत
एक्सप्रेसवे का यह शुरुआती हिस्सा दिल्ली से बागपत के बीच यात्रा करने वाले यात्रियों को लंबे ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाएगा. खासकर पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के लोगों के लिए यह मार्ग बेहद सहायक साबित होगा, क्योंकि यहां ट्रैफिक की समस्या हमेशा बनी रहती है.
पूरी परियोजना 210 किलोमीटर लंबी
दिल्ली से देहरादून तक बनने वाला यह पूरी लंबाई में 210 किलोमीटर का एक्सप्रेसवे है. इसका आरंभ अक्षरधाम, दिल्ली से होता है और यह सीधे देहरादून तक जाता है. इस रूट के विकसित होने से कई जिलों को फायदा मिलेगा और राजधानी से पर्वतीय राज्यों की कनेक्टिविटी में भी बड़ा सुधार होगा.
यात्रा समय घटेगा, पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा
फिलहाल दिल्ली से देहरादून की यात्रा में जहां 6 घंटे तक का समय लगता है, वही इस एक्सप्रेसवे के चालू होने के बाद यह सफर महज ढाई घंटे में तय किया जा सकेगा. इससे न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि व्यापार और उद्योग के क्षेत्र में भी लाभ होगा. साथ ही ईंधन की बचत और ट्रैफिक का दबाव भी कम होगा.
योजनानुसार 2023 तक हो जाना था पूरा
यह परियोजना मूल रूप से 2023 तक पूरी होनी थी, लेकिन भू-अधिग्रहण, पर्यावरण मंजूरी और कानूनी विवादों के चलते इसमें देरी हुई. बागपत में एक मकान अधिग्रहण का मामला कोर्ट में लंबित है, जिस कारण एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा अब तक निर्माणाधीन है.
बिना रैंप ही खोला जाएगा एक्सप्रेसवे
एनएचएआई अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल इस खंड को बिना रैंप के शुरू किया जाएगा ताकि ट्रैफिक का दबाव कम किया जा सके. इससे लक्ष्मीनगर, गीता कॉलोनी, न्यू उस्मानपुर, करतार नगर, खजूरी खास जैसे क्षेत्रों में जाम से राहत मिलेगी. बाद में जब सभी कनेक्टिंग रैंप बन जाएंगे, तब इसका पूर्ण रूप से उपयोग हो सकेगा.
आसपास के इलाकों को भी मिलेगा फायदा
यह नया एक्सप्रेसवे अंकुर विहार, बिहारीपुर, शारदा सिटी, मंडोला एनबीसीसी टाउनशिप, पावी पुश्ता जैसे क्षेत्रों में भी यातायात का दबाव घटाएगा. इन इलाकों में लंबे समय से ट्रैफिक और सड़कों की समस्या बनी हुई थी, जो अब इस परियोजना से काफी हद तक कम हो सकती है.
बड़े हाईवे नेटवर्क से जुड़ेगा नया रूट
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे से भी जोड़ा जाएगा. इससे एक संपूर्ण हाईवे नेटवर्क तैयार होगा, जो दिल्ली-एनसीआर और आसपास के जिलों के लिए बेहतर और तेज यातायात विकल्प प्रदान करेगा.
रियल एस्टेट सेक्टर में दिखा असर
इस परियोजना के चलते बागपत, लोनी, मंडोला एनबीसीसी जैसे क्षेत्रों में जमीन की कीमतों में तेजी देखी जा रही है. एक्सप्रेसवे से बढ़ती कनेक्टिविटी के कारण इन क्षेत्रों में निवेश का माहौल बन गया है. रियल एस्टेट सेक्टर को इससे नई ऊर्जा मिली है और निवेशकों की रुचि बढ़ी है.
आने वाले समय में खुलेंगे नए अवसर
जैसे-जैसे परियोजना के अन्य चरण पूरे होंगे, वैसे-वैसे इन क्षेत्रों में आवासीय और व्यवसायिक विकास के नए अवसर सामने आएंगे. सरकार और निजी निवेशकों दोनों के लिए यह एक्सप्रेसवे लॉन्ग टर्म ग्रोथ का केंद्र बन सकता है.

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