31 जुलाई को हरियाणा के स्कूलों में छुट्टी घोषित, सरकारी और प्राइवेट स्कूल रहेंगे बंद 31 July School Holiday

31 July School Holiday : हरियाणा सरकार ने 31 जुलाई को शहीद उधम सिंह के बलिदान को याद करते हुए राज्य के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में अवकाश घोषित किया है। यह फैसला न केवल एक प्रशासनिक आदेश है, बल्कि देशभक्ति से प्रेरित एक महत्वपूर्ण निर्णय है। इस दिन शैक्षणिक गतिविधियां पूरी तरह बंद रहेंगी, जिससे छात्र इस राष्ट्रीय नायक को सम्मान देने के महत्व को समझ सकें।

एक ऐतिहासिक बलिदान को सलाम

उधम सिंह का नाम भारत के स्वतंत्रता संग्राम के साहसी योद्धाओं में अमर है। उन्होंने 1919 के जलियांवाला बाग नरसंहार का बदला लेते हुए लंदन में ब्रिटिश अधिकारी माइकल ओ’ड्वायर की हत्या की थी। यह घटना भारत की आज़ादी की लड़ाई में एक बड़ा प्रतीकात्मक कदम मानी जाती है, जिसने अंग्रेज़ी शासन की नीतियों के खिलाफ जनआक्रोश को मजबूती दी।

स्कूलों को पहले ही भेजा गया था निर्देश

हरियाणा शिक्षा विभाग ने पहले से ही सभी जिलों के स्कूलों को निर्देश भेज दिए थे कि 31 जुलाई को अवकाश रहेगा। यह सूचना प्राचार्यों, प्रबंध समितियों और अभिभावकों को पहले ही दे दी गई थी, ताकि छात्रों को समय पर जानकारी मिले और वे अपनी योजना पहले से बना सकें।

पहले से घोषित था यह सार्वजनिक अवकाश

यह निर्णय किसी अचानक उठाया गया कदम नहीं है। दरअसल, हरियाणा सरकार ने दिसंबर 2024 में जारी अवकाश कैलेंडर में ही 31 जुलाई को राजकीय अवकाश घोषित कर दिया था। अब इसे औपचारिक रूप से स्कूलों के बंद होने के माध्यम से लागू किया गया है। यह दर्शाता है कि सरकार ने शहीद के सम्मान को नीति-निर्माण का हिस्सा बनाया है।

स्कूलों में हुआ श्रद्धांजलि का आयोजन

अवकाश से एक दिन पहले यानी 30 जुलाई को कई स्कूलों में विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। छात्रों ने भाषण, पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता और नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से उधम सिंह के जीवन और उनके योगदान को उजागर किया। यह आयोजन छात्रों को देशभक्ति से जोड़ने का एक रचनात्मक प्रयास था।

छुट्टी का असल मकसद: आत्मचिंतन और प्रेरणा

हरियाणा सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह अवकाश केवल आराम या मौज-मस्ती के लिए नहीं है। यह दिन शहीदों के बलिदान को समझने और उनसे प्रेरणा लेने का अवसर है। छात्रों और अभिभावकों से अपील की गई है कि वे इस दिन को राष्ट्रसेवा की भावना को जागृत करने के रूप में देखें। यही असली श्रद्धांजलि होगी।

शिक्षा में देशभक्ति का समावेश

हरियाणा सरकार का यह कदम बताता है कि शिक्षा प्रणाली में देशभक्ति को कैसे जोड़ा जा सकता है। स्कूलों में हुए कार्यक्रम और अवकाश की घोषणा यह दर्शाते हैं कि शहीदों के योगदान को केवल किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि जीवन में उतारने की भी आवश्यकता है। इस तरह की पहलें नवोन्मेषी शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।

एक प्रेरणादायक उदाहरण

उधम सिंह की कहानी सिर्फ इतिहास की एक घटना नहीं है, बल्कि यह आज भी हमें न्याय, संघर्ष और देशभक्ति की भावना की याद दिलाती है। उनके बलिदान को याद करना हमें राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका पर आत्मचिंतन करने का अवसर देता है। सरकार द्वारा लिया गया यह निर्णय नई पीढ़ी को देशभक्ति से जोड़ने की दिशा में प्रेरणास्पद है।

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